प्राचीन मुख्य मड़वारानी दाई मंदिर (पहाड़ ऊपर)

माँ मड़वारानी - आरती

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माँ मड़वारानी - आरती

। जय माता दी ।।

आदि शक्ति पर्वतवासिनी

माँ मड़वारानी दाई की आरती

जय मड़वारानी मइया कोई तेरा पार न पाया,

पान सुपारी ध्वजा नारियल ले तेरी भेट चढ़ाया ।। जय

 

पर्वत वासिनी शिला सिंहासिनी मॉ तू तो जग में आई,

जग में तू आकर के मॉ, दुखियों का दुःख मिटाई ।। जय

 

ऊंचे-ऊंचे पर्वत वासिनी-नीचे नगर बसाया,

इस पर्वत की चोटी पर मॉ अपना वास बनाया ।। जय

 

सुंदर चुनरी तेरे अंग विराजे, केशर तिलक लगाया,

धूप दीप नैवेद्य आरती, मोहन भोग लगाया ।। जय

 

जब दुःख आया तब मै मइया भूल भटक कर आया,

आया तेरे द्वारे मइया चरणों में शीश झुकाया ।। जय

 

सतयुग, त्रेता, द्वापर मइया कलियुग राज समाया,

भक्त जनों ने तेरे गुण गाकर मन वांछित फल पाया ।। जय

 

बन्दौ मड़वारानी दाई पद रिद्धिसिद्धि दातार ।

पद पद्म के ध्यान हो सुख सागर उस पार ।।

ज्योति कलश